फेस्टीवल सीजन में क्रिएट होने वाले टेम्पे्ररी जॉब्ज में लगे प्रत्येक तीन में से दो व्यक्ति इन अस्थायी नौकरियों को सिर्फ अतिरिक्त आय का साधन नहीं बल्कि पूर्णकालिक रोजगार के एक अवसर के रूप में भी देखते हैं। यह जानकारी इनडीड की एक रिपोर्ट ने दी है। नौकरी तलाश एवं भर्ती के ऑनलाइन मंच इनडीड ने अप्रैल से सितंबर, 2025 के बीच किए गए सर्वेक्षण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक, जॉब की तलाश में लगे दो-तिहाई लोग सक्रिय रूप से पूर्णकालिक रोजगार की तलाश में हैं और वे त्योहारी सीजन में पैदा होने वाले अस्थायी रोजगार को टिकाऊ कॅरियर के संभावित प्रवेश-द्वार के रूप में ही देखते हैं। हालांकि, नियोक्ताओं और कर्मचारियों की सोच के बीच अंतर दिख रहा है। सर्वे में शामिल 53 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि तीन में से चार फेस्टीवल हायरिंग टेम्पे्ररी कॉन्ट्रेक्ट पर ही होती हैं। यह आंकड़ा गत वर्ष की तुलना में सात प्रतिशत अधिक है। जॉब की तलाश में लगे करीब 69 प्रतिशत लोगों ने फाइनेंशियल स्टेबिलिटी और रेगूलर सैलरी को सबसे बड़ी प्राथमिकता बताया जबकि 37 प्रतिशत ने भविष्य निधि जैसे दीर्घकालिक लाभ में रुचि दिखाई। केवल सात प्रतिशत लोगों को ही असल में त्योहारी बोनस की परवाह थी और सिर्फ पांच प्रतिशत ने भुगतान के साथ अवकाश को अहमियत दी। हालांकि, एक खास बात यह रही कि 43 प्रतिशत नियोक्ता गत वर्ष की तुलना में अधिक सक्रिय रूप से भर्ती कर रहे हैं। इनमें ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक, रिटेल और हॉस्पीटेलिटी सेक्टर शामिल हैं। इनडीड हायरिंग ट्रैकर रिपोर्ट कहती है कि कई कर्मचारी अब उम्मीद करते हैं कि ये अस्थायी नौकरियां लंबी अवधि के कॅरियर के दरवाजे खोलेंगी। और ऐसा नहीं दिखने पर वे उस काम को छोड़ देते हैं। यही कारण है कि रिटेल, हॉस्पीटेलिटी और ट्रैवल जैसे क्षेत्रों में फेस्टीवल हायरिंग की डिमांड बढऩे के बावजूद जल्द नौकरी छोडऩे की समस्या बढ़ रही है।