क्विक कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स को इस बार शानदार फेस्टीवल सीजन रहने की उम्मीद है। इसलिये वे कैपेसिटी और सप्लाई चेन पर बेहतर निवेश कर रही है। इंडस्ट्री के जानकारों के अनुसार जीएसटी रिफॉम्र्स ने मार्केट में पॉजिटिव सेंटीमेंट क्रिएट करने का काम कर दिया है और अब बारी सेल्स को अपलिफ्ट करने की है। अनुमानों के अनुसार गत वर्ष त्यौहारी सीजन में ग्रॉस सेल्स का आंकड़ा 94,000 करोड़ रुपये पर रहा था और इस बार यह 1.2 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर सकता है। इसमें क्यू-कॉमर्स का योगदान करीब 12 प्रतिशत होगा। जिस प्रकार का रेस्पांस मैट्रो शहरों से मिल रहा है, उसमें यह आंकड़ा पार हो जाये, तो ताज्जुब नहीं होना चाहिये। वॉलमार्ट ओंड फ्लिपकार्ट की 10 मिनट डिलीवरी यूनिट ‘मिनट्स’ ने 400 डार्क स्टोर्स का आंकड़ा पार कर लिया है। इसमें स्ट्रेटजी मैट्रो सिटीज फोकस्ड रही। उनके पास बैंगलुरु, मुम्बई, कोलकाता और दिल्ली में पहले ही 85 से 90 प्रतिशत पिनकोड्स कवर हो रहे हैं। लक्ष्य यह है कि 19 शहरों में जहां वे संचालन कर रहे हैं, वहां पर कवरेज पूरा हो जाये। अमेजॉन नाओ ने मुम्बई में एक्सपेंड किया है। बैंगलुरु में सैचुरेशन की स्थित बन रही है और दिल्ली-एनसीआर में आंशिक रूप से कवर किया है। उनके पास सौ डार्क स्टोर्स है और पीक डिमांड को पूरा करने के लिये तैयारी की जा रही है। अमेजॉन नाओ ने बैंगलुरु, दिल्ली और मुम्बई के कुछ भागों में अल्ट्रा फास्ट डिलीवरी सर्विस को लांच कर दिया है। एक प्रवक्ता के अनुसार ग्रॉसरी, डेली इसेंशियल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और फैशन प्रोडक्ट्स पर गे्रट सेविंग की जा सकती है। स्विगी इन्स्टामार्ट ने क्विक इंडिया मूवमेंट के नाम से पहला फेस्टिव इवेंट 19 सितम्बर से लाइव किया। यह 10 दिन की सेल है। इसके तहत होम, किचन एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रॉसरी आदि पर फोकस है। इंडस्ट्री के जानकारों के अनुसार फेस्टीवल सेल्स मैट्रो शहरों से आगे निकलेगी। जिस गति से क्विक कॉमर्स आगे बढ़ रहा है, उसके अनुसार फेस्टीवल डिमांड कैटेलिस्ट की तरह काम करेगी।