गत सप्ताह उत्पादक मंडियों से आवक का दबाव बढऩे एवं ग्राहकी की भारी कमी होने से जायफल, जावित्री लुढक़कर पानी-पानी हो गये, इसके अलावा कालीमिर्च, हल्दी, जीरा, सौंफ, मेथी, मखाना भी व्यापार में कमी से नरम रहे। दूसरी ओर माल की कमी एवं सट्टेबाजी से बड़ी इलायची, मगज तरबूज, लौंग, राई एवं कलौंजी में बढ़त लिए व्यापार हुआ। मेवा बाजार में बादाम व इसकी गिरी मंदे के बाद सुर्ख बोले गये। आलोच्य सप्ताह एर्नाकुलम लाईन से जावित्री की आवक 40 प्रतिशत बढ़ गयी तथा यहां ग्राहकी का भारी सन्नाटा होने से कारोबारी हाजिर कंटेनरों का व्यापार 100/125 रुपए प्रतिकिलो तक घटाकर करने लगे, क्योंकि गोदाम में जाते ही 100 रुपए का अतिरिक्त खर्चा बैठ रहा था। जिसके चलते बाजार में भी जावित्री फ्लावर 350 रुपए लुढक़कर थोक में 1500/1550 रुपए प्रति किलो रह गयी। गौरतलब है कि नया माल चालू माह के शुरूआत में यहां 2050/2100 रुपए तक बिका था। इसके अलावा जायफल भी लगातार बिकवाली आने से 20 रुपए और टूटकर 580/585 रुपए प्रति किलो रह गया। इसका निर्यात होता है इसलिए अंतर्राष्टï्रीय बाजारों में भाव टूटने से पिछले एक महीने से इसमें दलदल बना हुआ है। इधर कालीमिर्च बढ़े हुए भाव में बिकवाली के प्रेशर से 15 रुपए और घटकर एवरेज क्वालिटी की 730/740 रुपए पर आ गयी। हल्दी, जीरा डिब्बे में सटोरियों की बिकवाली से पूरे सप्ताह नरम रहा। जो नीचे में जीरा 231 रुपए बिका था उसके भाव 225 रुपए रह गये। ऊपर वाला माल भी 280 रुपए से गिरकर 270 रुपए रह गया। इसी तरह हल्दी भी डिब्बा टूटने से 4 रुपए गिरकर 143/147 रुपए पर आ गयी। सौंफ में भी पिछले दिनों आयी तेजी के बाद ग्राहकी का समर्थन न मिलने से लगातार नरमी का रूख बना हुआ है। उक्त अवधि के अंतराल भी 2 रुपए घटकर नीचे वाली क्वालिटी 130 रुपए एवं बढिय़ा 188 रुपए रह गयी। मेथी में भी मांग के अभाव में एवरेज 58/60 रुपए पर 2 रुपए की गिरावट दर्ज की गयी। इधर मखाना शॉर्टेज के बावजूद 25/50 रुपए घटकर 1100/1650 रुपए के बीच रह गया। दूसरी ओर मगज तरबूज सट्टेबाजी के खेल में सूडान का 530 रुपए नीचे में बिकने के बाद 580 रुपए पर पहुंच गया। राई भी 2 रुपए बढक़र 180 रुपए हो गयी। इधर कलौंजी भी खपत वाले उद्योगों की मांग से 5 रुपए और बढक़र 240 रुपए प्रति किलो हो गयी। ऊपर में इसमें 245 रुपए तक भी व्यापार हो गया था। बड़ी इलायची में नीचे भाव पर ग्राहकी सुधरने से 40 रुपए बढक़र 1540 रुपए का व्यापार हो गया। लौंग भी 10 रुपए मजबूती लिए बंद हुयी, क्योंकि मेडागास्कर से आयात पड़ता महंगा हो गया है। मेवा बाजार में बादामगिरी मंदे के दलदल के बाद 5 रुपए की मजबूती पर 765 रुपए बोली गयी। साबुत माल में शॉर्टेज के चलते बाजार सुर्ख रहे। गोला नीचे भाव पर लोकल व चालानी मांग निकलने से 5 रुपए किलो मजबूत बोला गया।
गुड़ -चीनी में गिरावट, खांड सारी तेज : ग्राहकी कमजोर होने से गत् सप्ताह के दौरान स्थानीय बाजार में गुड़ व चीनी के भाव 50/100 रूपये प्रति कुंतल घट गए ,जबकि आपूर्ति कमजोर होने से खांडसारी की कीमतों में 100 रुपये कुंतल की तेजी रही। सरकार द्वारा जून महीने के लिए खुले बिक्री के लिए 23 लाख टन का कोटा आवंटित किया गया है। जो मई माह की तुलना में 50000 टन कम है तथा गत वर्ष में माह की तुलना में ढाई लाख टन कम है ,कोटा काम आने के बावजूद ग्राहकी का समर्थन ना मिलने एवं उत्तर प्रदेश की मिलों द्वारा भाव घटाकर सेल दिए जाने से चीनी के भाव 25/50 रूपये घटकर मिल डिलीवरी 3970/4075 रूपये तथा हाजिर में इसके 4250/4350 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि यूपी की कुछ मिलों द्वारा जून प्रथम सप्ताह में डिलीवरी चीनी के भाव 50-60 रुपए तुरंत कुंतल बढक़र सेल दिए गए। उक्त अविध के दौरान सटोरिया लिवाली कमजोर होने से लंदन चीनी वायदा अगस्त डिलीवरी के बाद 483. 50 से घटकर 476 .56 डॉलर प्रति टन रह गया।पश्चिमी यूपी की मंडियों से कोल्ड से गुड़ की निकासी शुरू होने एवं मांग कमजोर होने से गुड़ पेड़ी के 100रूपये घट कर 4300/4400 रूपये ढैया के भाव 200 रुपए घटकर 4700/4800 रुपए प्रति क्विंटल रह गये। पुरखा जी में गुड़ लड्डू के भाव 3900/3950रूपये प्रति किवंटल बोले गए। हापुड़ मंडी में गुड़ कोल्ड खुरपा के भाव 1630/ 1640 रुपए 40 किलो पर सुस्त रही।