राजस्थान की प्रमुख मंडिय़ों में धनिए की आवक काफी नीची हो रही है। इसके बाद भी इसकी कीमत सीमित दायरे में घूम रही है। आने वाले समय में धनिया मंदा होने की आशंका नहीं दिख रही है। राजस्थान में अब धनिए की नीलामी नियमित हो गई है। पूर्व में गेहूं की भारी आवक की वजह से रामगंज और बारां जैसी मंडिय़ों के साथ-साथ राज्य की अन्य प्रमुख मंडिय़ों में धनिए की नीलामी प्रभावित हो गई थी। बहरहाल, अंतिम सूचना के समय राज्य की बारां मंड़ी में इसकी करीब 700-800 बोरियों तथा रामगंज में लगभग 5-6 हजार बोरियों की आवक होने की सूचना आ रही है। कीमत उम्मीद से नीची होने के कारण किसानों ने अपनी धनिया फसल की बिक्री सीमित की हुई है। आवक अपेक्षाकृत रूप से नीची बनी होने के बाद भी इस प्रमुख किराना जिंस की कीमत पूर्वस्तर पर ही बनी होने जानकारी मिली है। बीते मानसून सीजन के दौरान धनिया के तीनों प्रमुख उत्पादक राज्यों के अनेक क्षेत्रों में भारी वर्षा होने और कहीं-कहीं बाढ़ आने की भी खबरें मिली थी। बहरहाल, राजस्थान की रामगंज मंड़ी में धनिया बादामी तथा ईगल हाल ही में 100-150 रुपए तेज होकर फिलहाल 6400/6500 रुपए और ईगल 6800/6900 रुपए प्रति क्विंटल पर बना हुआ है। बारां मंड़ी में भी यह क्रमश: 6400/6500 रुपए और 6800/6900 रुपए प्रति क्विंटल पर बना होने की सूचना मिली। इससे पूर्व इसमें करीब 200-300 रुपए की मंदी आई थी। इधर, राजधानी स्थित थोक किराना बाजार में धनिया बादामी हाल ही में 200 रुपए तेज होकर फिलहाल 8600/9000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बना हुआ है। इससे पूर्व हाल ही में इसमें इतनी ही मंदी आई थी। गुुजरात में इस प्रमुख किराना जिंस की बुआई में इस बार हुई मामूली वृद्धि को छोडक़र राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में इस प्रमुख किराना जिंस की बिजाई में 25 प्रतिशत की कमी आने की सूचनाएं आ रही हैं। मसाला बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान वित्त वर्ष 2024-25 के आरंभिक आठ महीनों में देश से 458.69 करोड़ रुपए कीमत के 43,609.44 टन धनिए का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी केवल 87,531.24 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 750.89 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आगामी दिनों में धनिया मंदा होने की आशंका नहीं दिख रही है।