आपूर्ति कमजोर होने सोया एसिड आयल के भाव 200 रूपए प्रति क्विंटल बढ गए। भविष्य में इसमें मंदे की संभावना नहीं है। साबुन निर्माताओं की मांग निकलने से एक माह के दौरान सोया एसिड आयल के भाव 200 रूपये बढक़र 7150/7200 रुपए प्रति कुंतल हो गए। उक्त अवधि के दौरान साबुन में प्रयोग होने वाले अन्य कच्चे माल की कीमतों में तेजी का रूख जारी रहा। यद्यपि डिटर्जेंट के बढ़ते प्रयोग से साबुन उद्योग की मांग में पहले कीतुलना में घट गई है। एसिड आयल का प्रयोग मुख्यत: साबुन उद्योग के अतिरिक्त डिटर्जेंट,पाउडर व सौंदर्य प्रसाधनों व ग्रीस निर्माण में किया जाता हैं। डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर होने के कारण विदेशी तेलों का आयात भी महंगा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बाजार में बिकवाली कमजोर होने से क्रूड पाम निचले स्तर से 50 डालर घटकर 1030 डॉलर प्रति टन रह गए। डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर के कारण आयातको की बिकवाली घटने से कांदला में पाम फैट्ïटी के भाव 200 रूपये घटकर 9000 रूपये प्रति क्विंटल हो गये। आयातित तेलों में तेजी का रुख होने के कारण स्टाकिस्टों की बिकवाली घटने से मध्य प्रदेश की मंडियों में सोया एसिड आयल के भाव 6700 रूपए प्रति क्विंटल टिके रहे। स्टाक कमजोर होने को देखते हुए भविष्य में इसमें अधिक गिरावट की संभावना नहीं है। मांग बढ़ते ही बाजार और बढऩे लगेगा।