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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

06-09-2024

मोठ : और घटने के आसार

  •  मोठ की नई फसल राजस्थान में तैयार होने तथा पुराने माल में धोया बनाने वाली मिलों की मांग काफी कमजोर होने से बाजार टूटते जा रहे हैं। मोठ ऊपर के भाव से बीते माह के अंतराल 700 रुपए प्रति क्विंटल नीचे आ चुकी है। राजस्थान में फसल तैयार होने वाली है, इसे देखते हुए 500/600 रुपए की और जल्दी गिरावट लग रही है। मोठ की फसल मेड़ता शेखावटी नोहर भाद्रा बालोतरा दौसा डीडवाना नागौर आदि सभी उत्पादक क्षेत्रों में बढिय़ा बताई जा रही है। इस बार मोठ प्रचुर मात्रा में स्टॉक में बची हुआ है। दूसरी ओर मोठ धोया की बिक्री अनुकूल नहीं होने से दाल मिलें बिक्री के हिसाब से ही माल खरीद रही है। इधर नई मोड यहां 10-15 दिन में आने लगेगी। इस बार मूंग धोया के नीचे भाव चल रहे हैं, जिससे मोठ धोया की खपत काफी कम हो गई है। मोठ के धोया नीचे भाव होने से मूंग धोया में मिलाई जाती थी, लेकिन इस बार पहले से ही बाजार काफी नीचे है। दूसरी ओर मोठ के ऊंचे भाव बिजाई के समय में रहने से किसानों ने बिजाई भी 22 प्रतिशत अधिक किया है तथा चारों तरफ मौसम अनुकूल होने से फसल बहुत ही बढिय़ा है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक मोठ का उत्पादन 10 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान आ रहा है। हम मानते हैं कि मोठ की फसल वर्ष में एक ही बार आती है, लेकिन राजस्थान के कुछ खास क्षेत्रों में मोठ की बिजाई होती है, इसलिए किसान भाव में घटा-बढ़ी को देखकर किया ही करता है। इस बार बिजाई अधिक हुई है तथा पुराना स्टॉक अधिक बचा है। मौसम भी अनुकूल रहा है, इसलिए मोठ के भाव नीचे में यहां 5600 तथा मंडियों में एक बार 5200/5300 बिक सकती हैं।

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मोठ : और घटने के आसार

 मोठ की नई फसल राजस्थान में तैयार होने तथा पुराने माल में धोया बनाने वाली मिलों की मांग काफी कमजोर होने से बाजार टूटते जा रहे हैं। मोठ ऊपर के भाव से बीते माह के अंतराल 700 रुपए प्रति क्विंटल नीचे आ चुकी है। राजस्थान में फसल तैयार होने वाली है, इसे देखते हुए 500/600 रुपए की और जल्दी गिरावट लग रही है। मोठ की फसल मेड़ता शेखावटी नोहर भाद्रा बालोतरा दौसा डीडवाना नागौर आदि सभी उत्पादक क्षेत्रों में बढिय़ा बताई जा रही है। इस बार मोठ प्रचुर मात्रा में स्टॉक में बची हुआ है। दूसरी ओर मोठ धोया की बिक्री अनुकूल नहीं होने से दाल मिलें बिक्री के हिसाब से ही माल खरीद रही है। इधर नई मोड यहां 10-15 दिन में आने लगेगी। इस बार मूंग धोया के नीचे भाव चल रहे हैं, जिससे मोठ धोया की खपत काफी कम हो गई है। मोठ के धोया नीचे भाव होने से मूंग धोया में मिलाई जाती थी, लेकिन इस बार पहले से ही बाजार काफी नीचे है। दूसरी ओर मोठ के ऊंचे भाव बिजाई के समय में रहने से किसानों ने बिजाई भी 22 प्रतिशत अधिक किया है तथा चारों तरफ मौसम अनुकूल होने से फसल बहुत ही बढिय़ा है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक मोठ का उत्पादन 10 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान आ रहा है। हम मानते हैं कि मोठ की फसल वर्ष में एक ही बार आती है, लेकिन राजस्थान के कुछ खास क्षेत्रों में मोठ की बिजाई होती है, इसलिए किसान भाव में घटा-बढ़ी को देखकर किया ही करता है। इस बार बिजाई अधिक हुई है तथा पुराना स्टॉक अधिक बचा है। मौसम भी अनुकूल रहा है, इसलिए मोठ के भाव नीचे में यहां 5600 तथा मंडियों में एक बार 5200/5300 बिक सकती हैं।


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