अखरोट की नई फसल देश-विदेश में कम होने से काफी भाव बढ़ गए थे, लेकिन चीन से सस्ता अखरोट का आयात पिछले दो-तीन महीने से होने से नरमी का रुख बन गया है। आगे भी बाजार तेज नहीं लग रहा है। अखरोट का उत्पादन इस बार अफगानिस्तान कश्मीर सभी उत्पादक क्षेत्रों में 36-37 प्रतिशत औसतन कम होने से सीजन से अब तक लगभग सवा गुने भाव हो गए हैं। जो चिल्ली का अखरोट यहां गत वर्ष इन दिनों 500/525 रुपए बिका था उसके भाव 850/860 रुपए प्रति किलो हो गये थे। कुछ सिलेक्टेड माल 900 रुपए भी बोल रहे थे। कश्मीर अफगानिस्तान का अखरोट 700/750 रुपए प्रति किलो के बीच बिक गया, लेकिन चीन से नए सौदे होने लगे हैं तथा माल यहां उतर भी गया है, जो 300/350 रुपए प्रति किलो थोक में बोल रहे हैं। हम मानते हैं कि उसके छिलके मोटे हैं तथा अंदर गिरी में शिकायत आ रही है, लेकिन काफी नीचे सस्ते भाव का मिलने से चिल्ली के माल की बिक्री पिछले एक महीने में 100 रुपए घट गई है। हम मानते हैं की दिवाली तक अखरोट की बिक्री अधिक थी, लेकिन लगातार माल उतरने से बाजार टूटे चले गए हैं। अभी काफी माल चीन से चले हुए सस्ते पड़ते के उतरने वाले हैं तथा देखने में बढिय़ा लग रहे हैं, इन परिस्थितियों में 700 रुपए के लगभग का अखरोट अब कम बिकेगा। यही कारण है कि वर्तमान भाव पर स्टॉक के माल एक बार बेचना चाहिए। चाइना माल एक बार बढ़ती तेजी को रोक सकता है। पिछले तीन दिन से बिक्री भी कम हो गई है तथा चीन के माल के सैंपल मार्केट में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं, यहां तक की जो कटत रिटेल में होती थी, उसकी जगह चीन के माल तेजी से लेने लगे हैं। अखरोट गिरी कश्मीरी एवं चिल्ली के भाव 900/1200 रुपए प्रति किलो के बीच थोक में चल रहा है, जबकि हल्की क्वालिटी की गिरी 700/750 रुपए भी बोल रहे हैं। अब बढिय़ा एवं हल्के माल का अंतर काफी बढ़ गया है, चिल्ली का सिलेक्टेड माल 1500 रुपए भी बोलने लगे हैं, लेकिन उसकी बिक्री काफी कम है। इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए इन बढ़े भाव में अखरोट का व्यापार संभल कर करना चाहिए।