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05-05-2025

फाइनेंशियल ईयर 2029 तक 34,000 बेड एड करेंगे प्राइवेट हॉस्पीटल्स

  •  देश की प्रमुख हॉस्पीटल चेंस आने वाले तीन से पांच वर्ष में तेजी से विस्तार करने का विचार कर रही है। हैल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर में डिमांड-सप्लाई गैप बड़ा है और इसे पाटने की तैयारी की जा रही है। इसके चलते वित्तीय वर्ष 2029 तक देश में 34,000 नये बेड शामिल किये जायेंगे। इस विस्तार पर करीब 40,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। उत्तरी और दक्षिणी भारत में विस्तार वृहद स्तर पर करने का विचार है। उत्तरी भारत में करीब 46 प्रतिशत और दक्षिण भारत में 30 फीसदी विस्तार की योजना है। इसके अतिरिक्त पश्चिमी भारत में 13 प्रतिशत और सेंट्रल रीजन में 11 प्रतिशत एक्सपेंशन का प्लान है। अनुमानों के अनुसार टीयर टू और थ्री शहरों में करीब 14,000 यानि 38 से 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी शामिल की जायेगी। इसका मतलब यह हुआ कि मरीजों को इलाज के लिये महानगरों की ओर दौडऩा नहीं पड़ेगा। लाइफस्टाइल रिलेटेड बीमारियां जिस प्रकार से देश में पैर पसार रही हैं, उस स्थिति में हैल्थकेयर डिमांड बढ़ रही है। इन शहरों में हैल्थ अवेयरनैस भी बढ़ रही है। प्राइवेट सेक्टर 60 से 65 प्रतिशत का योगदान देश की बेड संख्या में करते हैं। पब्लिक हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर रफ्तार कायम रखने के लिये जद्दोजहद कर रहे हैं और इसलिये प्राइवेट प्रोवाइडर्स गैप को भरने का काम करने का प्रयास कर रहे हैं। इंडस्ट्री अनुमानों के अनुसार विस्तार में ग्रीनफील्ड, ब्राउनफील्ड और अधिग्रहित ग्रोथ शामिल रहेगी। देश की सबसे बड़ी प्राइवेट हैल्थकेयर प्रोवाइडर अपोलो हॉस्पीटल्स दो चरण में एक्सपेंशन रोलआउट करेंगे। कुल निवेश करीब 6100 करोड़ रुपये का होगा। पहले चरण में वित्तीय वर्ष 2026 में 1737 बेड पुणे, कोलकाता, हैदराबाद और गुरुग्राम में होगा। इस पर 2880 करोड़ रुपये का निवेश सम्भव है। दूसरे चरण में चेन्नई, वाराणसी, मुम्बई और लखनऊ में 1775 बेड शामिल किये जायेंगे। निवेश करीब 3220 करोड़ रुपये का सम्भव है। अपोलो हॉस्पीटल्स की मैनेजिंग डायरेक्टर सुनीता रेड्डी के अनुसार देश के प्रमुख शहरों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विस्तार करने पर फोकस है। वर्तमान में अपोलो की पे्रजेंस मैट्रो और टीयर वन सिटीज में है लेकिन अब टीयर टू विस्तार पर बल दिया जा रहा है। मैक्स हैल्थकेयर वित्तीय वर्ष 2028 तक बेड कैपेसिटी को बढ़ाने का विचार कर रहा है। वर्तमान में बेड संख्या 5036 के करीब है और इसे बढ़ाकर 3700 करने की योजना है। मैट्रो शहरों में नई कैपेसिटी की हिस्सेदारी करीब 76 प्रतिशत रहेगी। इसके अलावा टीयर टू सिटीज को कवर किया जायेगा। मैक्स हैल्थकेयर के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा है कि आने वाले तीन वर्ष में करीब पांच हजार करोड़ रुपये का कैपीटल इन्फ्लो करने की योजना है। गुडग़ांव बेस्ड आर्टिमेस मेडीकेयर भी वर्तमान बेड संख्या को डबल करने का प्लान कर रही है। आने वाले पांच वर्ष में आठ सौ की बेड संख्या  को दो हजार तक बढ़ाने का विचार कर रही है। विस्तार दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के टीयर टू शहरों में हो सकता है। मुम्बई बेस्ड जुपीटर लाइफलाइन हॉस्पीटल्स भी पश्चिमी भारत में 1350 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। तीन ग्रीनफील्ड हॉस्पीटल्स पर यह निवेश सम्भव है। के्रडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के अनुसार वित्तीय वर्ष 2029 तक 34,000 नये बेड शामिल किये जा सकते हैं।

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फाइनेंशियल ईयर 2029 तक 34,000 बेड एड करेंगे प्राइवेट हॉस्पीटल्स

 देश की प्रमुख हॉस्पीटल चेंस आने वाले तीन से पांच वर्ष में तेजी से विस्तार करने का विचार कर रही है। हैल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर में डिमांड-सप्लाई गैप बड़ा है और इसे पाटने की तैयारी की जा रही है। इसके चलते वित्तीय वर्ष 2029 तक देश में 34,000 नये बेड शामिल किये जायेंगे। इस विस्तार पर करीब 40,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। उत्तरी और दक्षिणी भारत में विस्तार वृहद स्तर पर करने का विचार है। उत्तरी भारत में करीब 46 प्रतिशत और दक्षिण भारत में 30 फीसदी विस्तार की योजना है। इसके अतिरिक्त पश्चिमी भारत में 13 प्रतिशत और सेंट्रल रीजन में 11 प्रतिशत एक्सपेंशन का प्लान है। अनुमानों के अनुसार टीयर टू और थ्री शहरों में करीब 14,000 यानि 38 से 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी शामिल की जायेगी। इसका मतलब यह हुआ कि मरीजों को इलाज के लिये महानगरों की ओर दौडऩा नहीं पड़ेगा। लाइफस्टाइल रिलेटेड बीमारियां जिस प्रकार से देश में पैर पसार रही हैं, उस स्थिति में हैल्थकेयर डिमांड बढ़ रही है। इन शहरों में हैल्थ अवेयरनैस भी बढ़ रही है। प्राइवेट सेक्टर 60 से 65 प्रतिशत का योगदान देश की बेड संख्या में करते हैं। पब्लिक हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर रफ्तार कायम रखने के लिये जद्दोजहद कर रहे हैं और इसलिये प्राइवेट प्रोवाइडर्स गैप को भरने का काम करने का प्रयास कर रहे हैं। इंडस्ट्री अनुमानों के अनुसार विस्तार में ग्रीनफील्ड, ब्राउनफील्ड और अधिग्रहित ग्रोथ शामिल रहेगी। देश की सबसे बड़ी प्राइवेट हैल्थकेयर प्रोवाइडर अपोलो हॉस्पीटल्स दो चरण में एक्सपेंशन रोलआउट करेंगे। कुल निवेश करीब 6100 करोड़ रुपये का होगा। पहले चरण में वित्तीय वर्ष 2026 में 1737 बेड पुणे, कोलकाता, हैदराबाद और गुरुग्राम में होगा। इस पर 2880 करोड़ रुपये का निवेश सम्भव है। दूसरे चरण में चेन्नई, वाराणसी, मुम्बई और लखनऊ में 1775 बेड शामिल किये जायेंगे। निवेश करीब 3220 करोड़ रुपये का सम्भव है। अपोलो हॉस्पीटल्स की मैनेजिंग डायरेक्टर सुनीता रेड्डी के अनुसार देश के प्रमुख शहरों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विस्तार करने पर फोकस है। वर्तमान में अपोलो की पे्रजेंस मैट्रो और टीयर वन सिटीज में है लेकिन अब टीयर टू विस्तार पर बल दिया जा रहा है। मैक्स हैल्थकेयर वित्तीय वर्ष 2028 तक बेड कैपेसिटी को बढ़ाने का विचार कर रहा है। वर्तमान में बेड संख्या 5036 के करीब है और इसे बढ़ाकर 3700 करने की योजना है। मैट्रो शहरों में नई कैपेसिटी की हिस्सेदारी करीब 76 प्रतिशत रहेगी। इसके अलावा टीयर टू सिटीज को कवर किया जायेगा। मैक्स हैल्थकेयर के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा है कि आने वाले तीन वर्ष में करीब पांच हजार करोड़ रुपये का कैपीटल इन्फ्लो करने की योजना है। गुडग़ांव बेस्ड आर्टिमेस मेडीकेयर भी वर्तमान बेड संख्या को डबल करने का प्लान कर रही है। आने वाले पांच वर्ष में आठ सौ की बेड संख्या  को दो हजार तक बढ़ाने का विचार कर रही है। विस्तार दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के टीयर टू शहरों में हो सकता है। मुम्बई बेस्ड जुपीटर लाइफलाइन हॉस्पीटल्स भी पश्चिमी भारत में 1350 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। तीन ग्रीनफील्ड हॉस्पीटल्स पर यह निवेश सम्भव है। के्रडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के अनुसार वित्तीय वर्ष 2029 तक 34,000 नये बेड शामिल किये जा सकते हैं।


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