क्रेटा इलेक्ट्रिक के बाद ह्यूंदे अब हाइब्रिड पावरट्रेन लाने पर विचार कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार ह्यूंदे इंडिया अपने पोर्टफोलियो में और पावरट्रेन विकल्पों की संभावना तलाश रही है। वर्तमान में ह्यूंदे भारत में अपनी पैसेंजर गाडिय़ों में नैचुरली-एस्पिरेटेड पेट्रोल, टर्बो पेट्रोल, सीएनजी, डीजल, और इलेक्ट्रिक पावरट्रेन उपलब्ध कराती है। अब कंपनी हाइब्रिड टेक्नोलॉजी की ओर रुख कर रही है। भारत में हाइब्रिड गाडिय़ों की सेल्स वित्त वर्ष 23 में 41,477 यूनिट्स थी, जो वित्त वर्ष 24 में बढक़र 90,460 यूनिट्स और वित्त वर्ष25 में 1,04,800 यूनिट्स हो गई। पैसेंजर वेहीकल सेगमेंट में हाइब्रिड की हिस्सेदारी वित्त वर्ष23 में 1.1 परसेंट, वित्त वर्ष24 में 2.1 परसेंट, और वित्त वर्ष25 में 2.4 परसेंट तक पहुंच गई है। मास-मार्केट सेगमेंट में वर्तमान में हाइब्रिड टेक्नोलॉजी सीमित तौर पर कुछ मॉडलों में ही उपलब्ध है जैसे कि मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा, मारुति इनविक्टो, टोयोटा अर्बन क्रूजर हाईराइडर, टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस, और होंडा सिटी ई-एचईवी। भारत में क्रेटा कोई एक दशक से ह्यूंदे के लिए बेस्ट सेलर और फ्लेगशिप मॉडल बनी हुई है। जुलाई 2015 में लॉन्च के बाद से मई 2025 तक इसकी 12,52,264 यूनिट्स बिक चुकी हैं। यदि इसे हाइब्रिड विकल्प में लॉन्च किया जाता है, तो यह न सिर्फ ग्राहकों को एक और पावरट्रेन विकल्प देगा बल्कि भारत के हाइब्रिड सेगमेंट का भी विस्तार होगा। कंपनी के सीओओ तरुण गर्ग ने कहा कि ह्यूंदे मोटर ग्रुप के पास प्लग-इन हाइब्रिड, स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, ईवी और यहां तक कि हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी भी है ऐसे में ह्यूंदे इंडिया को भी उपलब्ध सभी टेक्नोलॉजी का फायदा उठाना चाहिए। गर्ग ने यह भी कहा कि क्रेटा के कस्टमर आमतौर पर सीएनजी विकल्प नहीं चुनते, क्योंकि वे पावर और शुरुआती टॉर्क को प्राथमिकता देते हैं और इसलिए पेट्रोल या डीजल को चुनते हैं। उन्होंने कहा शायद इंडियन कस्टमर को हाइब्रिड पसंद आए। इंटरनल कंबश्चन इंजन वाली क्रेटा में वर्तमान में तीन इंजन ऑप्शन 1.5-लीटर नैचुरली-एस्पिरेटेड पेट्रोल, 1.5-लीटर कापा टर्बो पेट्रोल, और 1.5-लीटर 2 लीटर डीजल। क्रेटा इलेक्ट्रिक वर्जन में दो बैटरी विकल्प—42 किलोवॉट और 51.4 किलोवॉट मिलते हैं, जिनकी रेंज क्रमश: 390 किमी से 473 किमी तक है। ह्यूंदे के अलावा, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, और किआ इंडिया भी अपनी पैसेंजर कार लाइनअप में हाइब्रिड विकल्प जोडऩे की दिशा में काम कर रहे हैं।