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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

19-06-2025

ईवी स्लो से हाइब्रिड होंगे ग्रो?

  •  कह सकते हैं ईवी•ा लूजिंग स्टीम....लेकिन ईवी को जीरो एमिशन होते हैं। फिर स्टीम की बात कहां से आ गई। लेकिन बात सही है क्योंकि ईवीपीवी का मार्केट 5 परसेंट के क्रिटिकल मास से बहुत दूर है। जनवरी से मई के पांच महीनों में 59444 ईवी पीवी बिकी हैं। जो वर्ष 2024 के इन्हीं पांच महीनों में हुई 41515 यूनिट्स की सेल्स के मुकाबले 44 परसेंट ज्यादा है। लो बेस पर सेल्स वॉल्यूम अपनी जगह है लेकिन ईवी कस्टमर परसेप्शन की ग्लास सीलिंग को भेदने में थोड़ा चूक रहे हैं। टेक्नोलॉजी इंट्रोडक्शन में इंवेस्टमेंट हुआ है तो कंज्यूमर एजुकेशन में भी होना चाहिए। रिपोर्ट कहती हैं कि ऑटो इंक का भी ईवी पर से कॉन्फिडेंस हिला हुआ है क्योंकि रिटर्न बड़ा है पे-बैक पीरियड लंबा। इसलिए टाटा से लेकर महिन्द्रा और ह्यूंदे से लेकर किआ तक अब अपने कोल्ड बैग में जा चुके हाइब्रिड प्रॉजेक्ट्स को डस्टिंग कर ड्रॉइंग बोर्ड पर ला रही हैं। अभी टोयोटा इस हाइब्रिड के मार्केट में पायोनीयर है और उसने फस्र्ट मूवर एडवांटेड को कैपिटलाइज भी किया है। टोयोटा के अलावा मारुति सुजुकी और होंडा के पोर्टफोलियो में भी स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड मॉडल हैं। मारुति के पास स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड के रूप में ग्रैंड विटारा एसयूवी और इनविक्टो एमपीवी है वहीं टोयोटा अर्बन क्रू•ार हाईराइडर और इनोवा हाईक्रॉस के हाइब्रिड अवतार भी ऑफर कर रही है। होंडा के पास सिटी का ई-एचईवी वर्जन है। लेकिन इन तीनों की जापानी दिग्गजों के पोर्टफोलियो में ईवी नहीं है। हालांकि मारुति ग्रैंड विटारा का ईवी अवतार लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। दूसरी ओर ह्यूंदे, टाटा, महिंद्रा और किआ के पोर्टफोलियो में पेट्रोल, डीजल और ईवी हैं। ह्यूंदे और टाटा के पास सीएनजी मॉडल भी हैं। लेकिन हाइब्रिड को ट्रांजिशन टेक्नोलॉजी कहकर अनदेखा करने वाली ये कंपनियां अब अपने प्लान को रिव्यू कर रही हैं। इसका कारण है लिमिटेड मॉडल रेंज के बावजूद हाइब्रिड की स्टॉन्ग सेल। आप जानते होंगे कि पहले यूपी और फिर दिल्ली सरकार की ईवी पॉलिसी में हाइब्रिड वेहीकल शामिल करने का इन्होंने बड़ा विरोध किया था। ईवी को केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जीएसटी में छूट (5 परसेंट), जीरो सैस, और कई राज्यों में रोड टैक्स में 100 परसेंट छूट जैसे लाभ मिलते हैं। दूसरी ओर हाइब्रिड को ऐसा कोई फायदा नहीं मिलने के बावजूद ये ईवी को सेल्स के लिहाज से कड़ी टक्कर दे रहे हैं। हाइब्रिड पर 28 परसेंट जीएसटी और कम से कम 15 परसेंट का सैस लगता है। केवल यूपी में ही इन पर रोड टैक्स फ्री है। वित्त वर्ष 2024-25 में हाइब्रिड की कुल सेल्स 1,04,800 यूनिट्स रही, जो पीवी मार्केट का 2.4 परसेंट है जबकि ईवी की सेल्स 1,18,096 यूनिट्स और शेयर 2.7 परसेंट ही रहा था। हाल ही ह्यूंदे इंडिया के सीओओ तरुण गर्ग ने कहा कि हमारा फोकस ईवी पर है। लेकिन भारत इतना बड़ा देश है कि यहां सभी तकनीकों के लिए जगह है। ह्यूंदे मोटर ग्रुप के पास प्लग-इन हाइब्रिड, स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, ईवी और हाइड्रोजन वेहीकल भी हैं। वल्र्ड लेवल पर हाइब्रिड तकनीक को बहुत सफलता मिली है और भारत के लिए सभी तकनीकों में अवसर मौजूद हैं। महिंद्रा भी एक हाइब्रिड एसयूवी लाने के प्लान को एक्सप्लोर कर रही है। चूंकि कंपनी के पास आइस और ईवी दोनों टेक्नोलॉजी है ऐसे में ईवी के लिए कोई चैलेंज नहीं है। ऐसी ही रिपोर्ट टाटा और किआ मोटर्स से भी आ रही है। ये दोनों कंपनियां हाइब्रिड ऑप्शन पर विचार कर रही हैं।

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ईवी स्लो से हाइब्रिड होंगे ग्रो?

 कह सकते हैं ईवी•ा लूजिंग स्टीम....लेकिन ईवी को जीरो एमिशन होते हैं। फिर स्टीम की बात कहां से आ गई। लेकिन बात सही है क्योंकि ईवीपीवी का मार्केट 5 परसेंट के क्रिटिकल मास से बहुत दूर है। जनवरी से मई के पांच महीनों में 59444 ईवी पीवी बिकी हैं। जो वर्ष 2024 के इन्हीं पांच महीनों में हुई 41515 यूनिट्स की सेल्स के मुकाबले 44 परसेंट ज्यादा है। लो बेस पर सेल्स वॉल्यूम अपनी जगह है लेकिन ईवी कस्टमर परसेप्शन की ग्लास सीलिंग को भेदने में थोड़ा चूक रहे हैं। टेक्नोलॉजी इंट्रोडक्शन में इंवेस्टमेंट हुआ है तो कंज्यूमर एजुकेशन में भी होना चाहिए। रिपोर्ट कहती हैं कि ऑटो इंक का भी ईवी पर से कॉन्फिडेंस हिला हुआ है क्योंकि रिटर्न बड़ा है पे-बैक पीरियड लंबा। इसलिए टाटा से लेकर महिन्द्रा और ह्यूंदे से लेकर किआ तक अब अपने कोल्ड बैग में जा चुके हाइब्रिड प्रॉजेक्ट्स को डस्टिंग कर ड्रॉइंग बोर्ड पर ला रही हैं। अभी टोयोटा इस हाइब्रिड के मार्केट में पायोनीयर है और उसने फस्र्ट मूवर एडवांटेड को कैपिटलाइज भी किया है। टोयोटा के अलावा मारुति सुजुकी और होंडा के पोर्टफोलियो में भी स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड मॉडल हैं। मारुति के पास स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड के रूप में ग्रैंड विटारा एसयूवी और इनविक्टो एमपीवी है वहीं टोयोटा अर्बन क्रू•ार हाईराइडर और इनोवा हाईक्रॉस के हाइब्रिड अवतार भी ऑफर कर रही है। होंडा के पास सिटी का ई-एचईवी वर्जन है। लेकिन इन तीनों की जापानी दिग्गजों के पोर्टफोलियो में ईवी नहीं है। हालांकि मारुति ग्रैंड विटारा का ईवी अवतार लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। दूसरी ओर ह्यूंदे, टाटा, महिंद्रा और किआ के पोर्टफोलियो में पेट्रोल, डीजल और ईवी हैं। ह्यूंदे और टाटा के पास सीएनजी मॉडल भी हैं। लेकिन हाइब्रिड को ट्रांजिशन टेक्नोलॉजी कहकर अनदेखा करने वाली ये कंपनियां अब अपने प्लान को रिव्यू कर रही हैं। इसका कारण है लिमिटेड मॉडल रेंज के बावजूद हाइब्रिड की स्टॉन्ग सेल। आप जानते होंगे कि पहले यूपी और फिर दिल्ली सरकार की ईवी पॉलिसी में हाइब्रिड वेहीकल शामिल करने का इन्होंने बड़ा विरोध किया था। ईवी को केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जीएसटी में छूट (5 परसेंट), जीरो सैस, और कई राज्यों में रोड टैक्स में 100 परसेंट छूट जैसे लाभ मिलते हैं। दूसरी ओर हाइब्रिड को ऐसा कोई फायदा नहीं मिलने के बावजूद ये ईवी को सेल्स के लिहाज से कड़ी टक्कर दे रहे हैं। हाइब्रिड पर 28 परसेंट जीएसटी और कम से कम 15 परसेंट का सैस लगता है। केवल यूपी में ही इन पर रोड टैक्स फ्री है। वित्त वर्ष 2024-25 में हाइब्रिड की कुल सेल्स 1,04,800 यूनिट्स रही, जो पीवी मार्केट का 2.4 परसेंट है जबकि ईवी की सेल्स 1,18,096 यूनिट्स और शेयर 2.7 परसेंट ही रहा था। हाल ही ह्यूंदे इंडिया के सीओओ तरुण गर्ग ने कहा कि हमारा फोकस ईवी पर है। लेकिन भारत इतना बड़ा देश है कि यहां सभी तकनीकों के लिए जगह है। ह्यूंदे मोटर ग्रुप के पास प्लग-इन हाइब्रिड, स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, ईवी और हाइड्रोजन वेहीकल भी हैं। वल्र्ड लेवल पर हाइब्रिड तकनीक को बहुत सफलता मिली है और भारत के लिए सभी तकनीकों में अवसर मौजूद हैं। महिंद्रा भी एक हाइब्रिड एसयूवी लाने के प्लान को एक्सप्लोर कर रही है। चूंकि कंपनी के पास आइस और ईवी दोनों टेक्नोलॉजी है ऐसे में ईवी के लिए कोई चैलेंज नहीं है। ऐसी ही रिपोर्ट टाटा और किआ मोटर्स से भी आ रही है। ये दोनों कंपनियां हाइब्रिड ऑप्शन पर विचार कर रही हैं।


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