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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

05-12-2025

जुलाई-सितंबर 2025 क्वार्टर शेड्यूल कमर्शियल बैंकों का मुनाफा बढक़र 0.94 लाख करोड़ रुपए हुआ

  •  देश के शेड्यूल कमर्शियल बैंकों का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 2.5 प्रतिशत बढक़र वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में 0.94 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसकी वजह फीस आय में बढ़ोतरी और ऑपरेटिंग खर्चों का नियंत्रण में रहना है। यह जानकारी जारी एक रिपोर्ट में दी गई।  केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया कि इस दौरान सरकारी बैंकों का मुनाफा सलाना आधार पर 4.7 प्रतिशत बढक़र 0.50 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसके विपरीत समीक्षा अवधि में निजी क्षेत्र के बैंकों में मुनाफा में 2.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और यह कम होकर 0.44 लाख करोड़ रुपए हो गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि सरकारी बैंकों के मुनाफे में वृद्धि की वजह फीस आय, रिटेल और एमएसएमई सेगमेंट में क्रेडिट ग्रोथ का लौटना और ऑपरेटिंग खर्चों का सामान्य होना है। इसके अलावा, हालिया हिस्सेदारी बिक्री के प्रभावों को शामिल करने से बड़े सरकारी बैंकों का लाभ सालाना आधार पर 8.9 प्रतिशत बढ़ जाएगा। निजी बैंकों को कॉर्पोरेट लोन की धीमी मांग, ब्याज आय में स्थिर वृद्धि, सूक्ष्म वित्त और असुरक्षित क्षेत्रों में निरंतर दबाव और बढ़े हुए प्रोविजन का सामना करना पड़ रहा है। अगर एकमुश्त नियामक प्रावधान को शामिल किया जाता, तो निजी बैंकों का शुद्ध लाभ सालाना आधार 4 प्रतिशत और कम हो जाता। अगर शेड्यूल कमर्शियल बैंकों का रिटर्न ऑन एसेट्स वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में 1.29 प्रतिशत रहा है, जो कि सालाना आधार पर 0.11 प्रतिशत कम है। इसकी वजह मार्जिन में कमी होना है। तिमाही आधार पर इसमें 0.01 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी वजह सरकारी बैंकों का अच्छा प्रदर्शन था। रेटिंग एजेंसी ने पूर्वानुमान लगाया है कि त्योहारी सीजन की मांग, लोन वृद्धि, कम सीआरआर आवश्यकता से लाभ और असुरक्षित और एमएफआई सेगमेंट की गिरावट के क्रमिक सामान्यीकरण से वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में मुनाफे में सुधार होगा।

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जुलाई-सितंबर 2025 क्वार्टर शेड्यूल कमर्शियल बैंकों का मुनाफा बढक़र 0.94 लाख करोड़ रुपए हुआ

 देश के शेड्यूल कमर्शियल बैंकों का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 2.5 प्रतिशत बढक़र वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में 0.94 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसकी वजह फीस आय में बढ़ोतरी और ऑपरेटिंग खर्चों का नियंत्रण में रहना है। यह जानकारी जारी एक रिपोर्ट में दी गई।  केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया कि इस दौरान सरकारी बैंकों का मुनाफा सलाना आधार पर 4.7 प्रतिशत बढक़र 0.50 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसके विपरीत समीक्षा अवधि में निजी क्षेत्र के बैंकों में मुनाफा में 2.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और यह कम होकर 0.44 लाख करोड़ रुपए हो गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि सरकारी बैंकों के मुनाफे में वृद्धि की वजह फीस आय, रिटेल और एमएसएमई सेगमेंट में क्रेडिट ग्रोथ का लौटना और ऑपरेटिंग खर्चों का सामान्य होना है। इसके अलावा, हालिया हिस्सेदारी बिक्री के प्रभावों को शामिल करने से बड़े सरकारी बैंकों का लाभ सालाना आधार पर 8.9 प्रतिशत बढ़ जाएगा। निजी बैंकों को कॉर्पोरेट लोन की धीमी मांग, ब्याज आय में स्थिर वृद्धि, सूक्ष्म वित्त और असुरक्षित क्षेत्रों में निरंतर दबाव और बढ़े हुए प्रोविजन का सामना करना पड़ रहा है। अगर एकमुश्त नियामक प्रावधान को शामिल किया जाता, तो निजी बैंकों का शुद्ध लाभ सालाना आधार 4 प्रतिशत और कम हो जाता। अगर शेड्यूल कमर्शियल बैंकों का रिटर्न ऑन एसेट्स वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में 1.29 प्रतिशत रहा है, जो कि सालाना आधार पर 0.11 प्रतिशत कम है। इसकी वजह मार्जिन में कमी होना है। तिमाही आधार पर इसमें 0.01 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी वजह सरकारी बैंकों का अच्छा प्रदर्शन था। रेटिंग एजेंसी ने पूर्वानुमान लगाया है कि त्योहारी सीजन की मांग, लोन वृद्धि, कम सीआरआर आवश्यकता से लाभ और असुरक्षित और एमएफआई सेगमेंट की गिरावट के क्रमिक सामान्यीकरण से वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में मुनाफे में सुधार होगा।


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