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30-08-2025

अगले साल की पहली छमाही में आएगा रिलायंस JIO का आईपीओ

  •  रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि दूरसंचार इकाई ‘रिलायंस जियो’ अगले साल की पहली छमाही में अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लेकर आएगी और शेयर बाजार में सूचीबद्ध होगी। देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता रिलायंस जियो इस समय आरआईएल की एक अनुषंगी कंपनी है। अंबानी ने आरआईएल की 48वीं वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि जियो ने अपने परिचालन के 10 वर्षों में ही 50 करोड़ ग्राहकों का आंकड़ा पार कर लिया है और आगामी आईपीओ यह दर्शाएगा कि जियो भी अपने वैश्विक समकक्षों की तरह विशाल मूल्य सृजित करने में सक्षम है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह आईपीओ निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक अवसर साबित होगा। इसके साथ ही उन्होंने जियो की भावी योजनाएं कहीं अधिक महत्वाकांक्षी होने वाली हैं। हालांकि अंबानी ने जियो के आईपीओ में सूचीबद्ध किए जाने वाले शेयरों की मात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि लगभग 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जा सकती है। रिलायंस की सभी डिजिटल संपत्तियों की नियंत्रक इकाई जियो प्लेटफॉर्म्स में इस समय आरआईएल की 66.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि मेटा (फेसबुक) के पास 10 प्रतिशत और गूगल के पास 7.7 प्रतिशत है। निजी इक्विटी निवेशकों के पास शेष 16 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कुछ वर्ष पहले जियो प्लेटफॉर्म्स ने फेसबुक, गूगल, सिल्वर लेक, केकेआर और अन्य वैश्विक निवेशकों से करीब 1.52 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। विश्लेषकों के मुताबिक जियो का उद्यम मूल्य (कंपनी का कुल कारोबार मूल्य) 136 से 154 अरब डॉलर के बीच आंका गया है। यदि इस उच्च मूल्यांकन पर आईपीओ आया तो जियो दुनिया की छठी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन सकती है। वित्त वर्ष 2024-25 में जियो की आय 1.28 लाख करोड़ रुपये और ईबीआईटीडीए आय (ब्याज, कर, मूल्यह्रास से पूर्व लाभ) 64,170 करोड़ रुपये रही। चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में जियो प्लेटफॉर्म्स का शुद्ध लाभ लगभग 25 प्रतिशत बढक़र 7,110 करोड़ रुपये हो गया। अंबानी ने कहा कि मुफ्त फोन कॉल से लेकर देशभर में सबसे तेज 5जी सेवा शुरू करने तक जियो ने कई ऐसे काम किए हैं जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।  उन्होंने देशभर में 5जी सेवाओं की शुरुआत को भारत में एआई क्रांति की नींव बताते हुए कहा कि जियो हर भारतीय को मोबाइल एवं ब्रॉडबैंड से जोडऩे के साथ उनके घरों में डिजिटल सेवाएं पहुंचाएगी। साथ ही छोटे-बड़े सभी कारोबारों के लिए सरल और सुरक्षित डिजिटल मंच भी उपलब्ध कराएगी।अंबानी ने कहा, हमारा मंत्र है कि सभी के लिए, हर जगह एआई उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि जियो अपनी स्वदेशी प्रौद्योगिकी के दम पर भारत के बाहर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार करेगी और जियो की आगे की राह अब तक के सफर से कहीं अधिक चमकदार होगी। इस अवसर पर जियो की कमान संभालने वाले आकाश अंबानी ने कहा कि जियो का 50 करोड़ ग्राहकों का आधार अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की कुल जनसंख्या से भी अधिक है। उन्होंने बताया कि आज जियो दुनिया में सबसे अधिक वायरलेस डेटा ट्रैफिक संभाल रहा है और अब वृद्धि का अगला इंजन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और बड़े कारोबारों के लिए डिजिटल समाधान होगा। आकाश अंबानी ने कहा, यह सिर्फ डिजिटलीकरण नहीं, बल्कि उद्यम-स्तरीय प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण है। जियो अब एक ‘गहन प्रौद्योगिकी’ कंपनी के रूप में स्थापित हो चुकी है जिसकी तकनीकी संरचना पूरी तरह भारत में हमारे इंजीनियरों द्वारा विकसित की गई है।

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अगले साल की पहली छमाही में आएगा रिलायंस JIO का आईपीओ

 रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि दूरसंचार इकाई ‘रिलायंस जियो’ अगले साल की पहली छमाही में अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लेकर आएगी और शेयर बाजार में सूचीबद्ध होगी। देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता रिलायंस जियो इस समय आरआईएल की एक अनुषंगी कंपनी है। अंबानी ने आरआईएल की 48वीं वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि जियो ने अपने परिचालन के 10 वर्षों में ही 50 करोड़ ग्राहकों का आंकड़ा पार कर लिया है और आगामी आईपीओ यह दर्शाएगा कि जियो भी अपने वैश्विक समकक्षों की तरह विशाल मूल्य सृजित करने में सक्षम है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह आईपीओ निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक अवसर साबित होगा। इसके साथ ही उन्होंने जियो की भावी योजनाएं कहीं अधिक महत्वाकांक्षी होने वाली हैं। हालांकि अंबानी ने जियो के आईपीओ में सूचीबद्ध किए जाने वाले शेयरों की मात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि लगभग 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जा सकती है। रिलायंस की सभी डिजिटल संपत्तियों की नियंत्रक इकाई जियो प्लेटफॉर्म्स में इस समय आरआईएल की 66.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि मेटा (फेसबुक) के पास 10 प्रतिशत और गूगल के पास 7.7 प्रतिशत है। निजी इक्विटी निवेशकों के पास शेष 16 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कुछ वर्ष पहले जियो प्लेटफॉर्म्स ने फेसबुक, गूगल, सिल्वर लेक, केकेआर और अन्य वैश्विक निवेशकों से करीब 1.52 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। विश्लेषकों के मुताबिक जियो का उद्यम मूल्य (कंपनी का कुल कारोबार मूल्य) 136 से 154 अरब डॉलर के बीच आंका गया है। यदि इस उच्च मूल्यांकन पर आईपीओ आया तो जियो दुनिया की छठी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन सकती है। वित्त वर्ष 2024-25 में जियो की आय 1.28 लाख करोड़ रुपये और ईबीआईटीडीए आय (ब्याज, कर, मूल्यह्रास से पूर्व लाभ) 64,170 करोड़ रुपये रही। चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में जियो प्लेटफॉर्म्स का शुद्ध लाभ लगभग 25 प्रतिशत बढक़र 7,110 करोड़ रुपये हो गया। अंबानी ने कहा कि मुफ्त फोन कॉल से लेकर देशभर में सबसे तेज 5जी सेवा शुरू करने तक जियो ने कई ऐसे काम किए हैं जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।  उन्होंने देशभर में 5जी सेवाओं की शुरुआत को भारत में एआई क्रांति की नींव बताते हुए कहा कि जियो हर भारतीय को मोबाइल एवं ब्रॉडबैंड से जोडऩे के साथ उनके घरों में डिजिटल सेवाएं पहुंचाएगी। साथ ही छोटे-बड़े सभी कारोबारों के लिए सरल और सुरक्षित डिजिटल मंच भी उपलब्ध कराएगी।अंबानी ने कहा, हमारा मंत्र है कि सभी के लिए, हर जगह एआई उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि जियो अपनी स्वदेशी प्रौद्योगिकी के दम पर भारत के बाहर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार करेगी और जियो की आगे की राह अब तक के सफर से कहीं अधिक चमकदार होगी। इस अवसर पर जियो की कमान संभालने वाले आकाश अंबानी ने कहा कि जियो का 50 करोड़ ग्राहकों का आधार अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की कुल जनसंख्या से भी अधिक है। उन्होंने बताया कि आज जियो दुनिया में सबसे अधिक वायरलेस डेटा ट्रैफिक संभाल रहा है और अब वृद्धि का अगला इंजन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और बड़े कारोबारों के लिए डिजिटल समाधान होगा। आकाश अंबानी ने कहा, यह सिर्फ डिजिटलीकरण नहीं, बल्कि उद्यम-स्तरीय प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण है। जियो अब एक ‘गहन प्रौद्योगिकी’ कंपनी के रूप में स्थापित हो चुकी है जिसकी तकनीकी संरचना पूरी तरह भारत में हमारे इंजीनियरों द्वारा विकसित की गई है।


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