इक्विटी म्यूचुअल फंड (एमएफ) में निवेश मई में 13 महीने के निचले स्तर 19,013 करोड़ रुपये पर आ गया। इस दौरान लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप से जुड़े कोष में कम निवेश आया जिसका मुख्य कारण निवेशकों की मुनाफावसूली रही। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी फंड में लगातार पांचवे महीने निवेश में गिरावट दर्ज की गई। मई में यह करीब 22 प्रतिशत घटकर 19,013 करोड़ रुपये रह गया जो अप्रैल में 24,269 करोड़ रुपये रहा था। हालांकि, लगातार 51वें महीने म्यूचुअल फंड योजनाओं में शुद्ध प्रवाह सकारात्मक बना रहा है जो निवेशकों के निरंतर विश्वास को दर्शाता है। इसके अलावा, सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) का योगदान भी मजबूत रहा और इसमें मई में रिकॉर्ड 26,688 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। अप्रैल में यह 26,632 करोड़ रुपये से अधिक रहा था। कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड उद्योग में मई में 29,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ, जबकि अप्रैल में 2.77 लाख करोड़ का निवेश हुआ था। आंकड़ों के अनुसार, इस निवेश से उद्योग की एसेट्स अंडर मेनेजमेंट (एयूएम) मई में 72.2 लाख करोड़ रुपये रही जो अप्रैल के अंत में 70 लाख करोड़ रुपये थी। आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी म्यूचुअल फंड में मई में 19,013 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। यह अप्रैल 2024 के बाद से सबसे कम है जब 18,917 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। इक्विटी फंड श्रेणियों में, फ्लेक्सी कैप फंड में मई में सबसे अधिक 3,841 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। हालांकि, इक्विटी से जुड़ी बचत योजनाओं से 678 करोड़ रुपये की निकासी हुई। इसके अलावा, वैल्यू फंड और डिविडेंड यील्ड फंड से क्रमश: 92 करोड़ रुपये और 21 करोड़ रुपये की निकासी हुई। मई में लार्ज-कैप फंड में 1,250 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो अप्रैल में 2,671 करोड़ रुपये था। मई में मिड-कैप फंड में निवेश घटकर 2,808 करोड़ रुपये रह गया, जबकि अप्रैल में यह 3,313 करोड़ रुपये था। इसी तरह, स्मॉल-कैप फंड ने मई में 3,214 करोड़ रुपये आकर्षित किए, जो अप्रैल के 3,999 करोड़ रुपये से कम है। इक्विटी के अलावा, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में मई में 292 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश दर्ज किया गया। इसमें अप्रैल में करीब छह करोड़ रुपये की निकासी दर्ज की गई थी।
