TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

20-05-2025

जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर Cost-Cutting पर फोकस से बढ़े कंपनियों के Profit

  •  कमजोर डिमांड की स्थिति में रेवेन्यू ग्रोथ हासिल करने की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच इंडियन कंपनियां अब Cost-Cutting पर फोकस कर रही हैं। जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर के लिए कंपनियों द्वारा घोषित किए गए फाइनेंशियल परफोर्मेंस का एनालिसिस करें तो इस दौरान रेवेन्यू ग्रोथ के कमजोर रहने के बावजूद रॉ-मेटेरियल व एम्प्लाई कॉस्ट में मामूली बढ़ोतरी के कारण कंपनियों ने ओपरेटिंग प्रॉफिट व ओपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिनों में ग्रोथ रिपोर्ट की है। इस दौरान अब तक फाइनेंशियल परफोर्मेंस रिपोर्ट कर चुकी 1099 कंपनियों की कुल रेवेन्यू ग्रोथ मात्र 6.5 प्रतिशत ही रहने के बावजूद ओपरेटिंग प्रॉफिट करीब 15 प्रतिशत बढ़ा है। इन 1099 कंपनियों में से यदि बैंकिंग व फाइनेंस कंपनियों को हटा दिया जाए तो शेष बची कंपनियों की रॉ-मेटेरियल कॉस्ट मार्च 2025 क्वार्टर में 52 बेसिस पाइंट घटी है जो पिछले 4 क्वार्टर्स की सर्वाधिक गिरावट है। रॉ-मेटेरियल कॉस्ट के अलावा एम्प्लाई कॉस्ट में मामूली बढ़ोतरी से भी कंपनियों की प्रोफिटेबिलिटी को सपोर्ट मिला है। इन कंपनियों के कुल खर्च में मार्च 2025 क्वार्टर में दर्ज की गई बढ़ोतरी भी पिछले 4 क्वार्टर्स में सबसे धीमी रही है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेवेन्यू ग्रोथ के कमजोर रहने के बीच कंपनियां Cost-Reduction पर फोकस बढ़ा रही है। 923 कंपनियों के मामले में जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर में अन्य  इनकम में भी गिरावट आई है जिससे इंडिकेशन मिलता है कि कंपनियों ने अपने बिजनस ओपरेशंस के लिए कैश का यूज किया है। यही नहीं इन कंपनियों के डेप्रिसिएशन खर्च में भी मार्च 2025 क्वार्टर में पिछले 4 क्वार्टर्स की सबसे धीमी ग्रोथ दर्ज की गई है जो इंडिकेट करता है कि कंपनियों फिक्स्ड एसेट्स एडीशन पर भी सतर्कतापूर्ण रवैया अपना रही हैं।

Share
जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर Cost-Cutting पर फोकस से बढ़े कंपनियों के Profit

 कमजोर डिमांड की स्थिति में रेवेन्यू ग्रोथ हासिल करने की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच इंडियन कंपनियां अब Cost-Cutting पर फोकस कर रही हैं। जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर के लिए कंपनियों द्वारा घोषित किए गए फाइनेंशियल परफोर्मेंस का एनालिसिस करें तो इस दौरान रेवेन्यू ग्रोथ के कमजोर रहने के बावजूद रॉ-मेटेरियल व एम्प्लाई कॉस्ट में मामूली बढ़ोतरी के कारण कंपनियों ने ओपरेटिंग प्रॉफिट व ओपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिनों में ग्रोथ रिपोर्ट की है। इस दौरान अब तक फाइनेंशियल परफोर्मेंस रिपोर्ट कर चुकी 1099 कंपनियों की कुल रेवेन्यू ग्रोथ मात्र 6.5 प्रतिशत ही रहने के बावजूद ओपरेटिंग प्रॉफिट करीब 15 प्रतिशत बढ़ा है। इन 1099 कंपनियों में से यदि बैंकिंग व फाइनेंस कंपनियों को हटा दिया जाए तो शेष बची कंपनियों की रॉ-मेटेरियल कॉस्ट मार्च 2025 क्वार्टर में 52 बेसिस पाइंट घटी है जो पिछले 4 क्वार्टर्स की सर्वाधिक गिरावट है। रॉ-मेटेरियल कॉस्ट के अलावा एम्प्लाई कॉस्ट में मामूली बढ़ोतरी से भी कंपनियों की प्रोफिटेबिलिटी को सपोर्ट मिला है। इन कंपनियों के कुल खर्च में मार्च 2025 क्वार्टर में दर्ज की गई बढ़ोतरी भी पिछले 4 क्वार्टर्स में सबसे धीमी रही है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेवेन्यू ग्रोथ के कमजोर रहने के बीच कंपनियां Cost-Reduction पर फोकस बढ़ा रही है। 923 कंपनियों के मामले में जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर में अन्य  इनकम में भी गिरावट आई है जिससे इंडिकेशन मिलता है कि कंपनियों ने अपने बिजनस ओपरेशंस के लिए कैश का यूज किया है। यही नहीं इन कंपनियों के डेप्रिसिएशन खर्च में भी मार्च 2025 क्वार्टर में पिछले 4 क्वार्टर्स की सबसे धीमी ग्रोथ दर्ज की गई है जो इंडिकेट करता है कि कंपनियों फिक्स्ड एसेट्स एडीशन पर भी सतर्कतापूर्ण रवैया अपना रही हैं।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news