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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

15-11-2024

अपोलो टायर्स का नेट प्रॉफिट 37% घटकर 297 करोड़ रुपये

  •  घरेलू बाजार में कमजोर मांग और कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण अपोलो टायर्स का सितंबर, 2024 को समाप्त तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 37 प्रतिशत घटकर 297 करोड़ रुपये रहा है। इस टायर निर्माता कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 474 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। अपोलो टायर्स ने बयान में कहा कि दूसरी तिमाही में उसकी परिचालन आय 6,437 करोड़ रुपये रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 6,280 करोड़ रुपये थी। अपोलो टायर्स के चेयरमैन ओंकार कंवर ने कहा, ‘‘हमने अपने सबसे बड़े बाजार भारत में ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) खंड में कमजोर मांग का परिदृश्य देखा, जिसकी वजह से रिप्लेसमेंट खंड में मजबूत वृद्धि का लाभ नहीं मिल सका।’’ उन्होंने कहा कि यूरोप में कंपनी ने यात्री वाहन खंड में सकारात्मक राजस्व वृद्धि देखी। कंवर ने कहा, ‘‘कच्चे माल की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि ने हमारी लाभप्रदता को प्रभावित किया है।’’ कंपनी ने कहा कि उसके बोर्ड ने निजी नियोजन के माध्यम से एक या अधिक किस्तों में आवंटित किए जाने वाले गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करके 1,000 करोड़ रुपये तक की धनराशि जुटाने को मंजूरी दी है।

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अपोलो टायर्स का नेट प्रॉफिट 37% घटकर 297 करोड़ रुपये

 घरेलू बाजार में कमजोर मांग और कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण अपोलो टायर्स का सितंबर, 2024 को समाप्त तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 37 प्रतिशत घटकर 297 करोड़ रुपये रहा है। इस टायर निर्माता कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 474 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। अपोलो टायर्स ने बयान में कहा कि दूसरी तिमाही में उसकी परिचालन आय 6,437 करोड़ रुपये रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 6,280 करोड़ रुपये थी। अपोलो टायर्स के चेयरमैन ओंकार कंवर ने कहा, ‘‘हमने अपने सबसे बड़े बाजार भारत में ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) खंड में कमजोर मांग का परिदृश्य देखा, जिसकी वजह से रिप्लेसमेंट खंड में मजबूत वृद्धि का लाभ नहीं मिल सका।’’ उन्होंने कहा कि यूरोप में कंपनी ने यात्री वाहन खंड में सकारात्मक राजस्व वृद्धि देखी। कंवर ने कहा, ‘‘कच्चे माल की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि ने हमारी लाभप्रदता को प्रभावित किया है।’’ कंपनी ने कहा कि उसके बोर्ड ने निजी नियोजन के माध्यम से एक या अधिक किस्तों में आवंटित किए जाने वाले गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करके 1,000 करोड़ रुपये तक की धनराशि जुटाने को मंजूरी दी है।


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