बाजार नियामक सेबी, म्यूचुअल फंड के पास एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के माध्यम से रखे गए फिजिकल सोने और चांदी के लिए वेल्यूएशन प्रोसेस की समीक्षा पर विचार कर रहा है। इसका मकसद मौजूदा घरेलू बाजार मूल्यों के साथ स्थिरता और बेहतर तालमेल सुनिश्चित करना है। परामर्श पत्र के अनुसार, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस संबंध में प्रस्ताव दिया है कि संपत्ति प्रबंधन कंपनियां (एएमसी) को सोने और चांदी के वेल्यूएशन के लिए घरेलू जिंस बाजारों द्वारा प्रकाशित हाजिर कीमतों का उपयोग करना चाहिए। यह एलबीएमए (लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन) के मूल्य का इस्तेमाल करने की मौजूदा प्रथा का स्थान लेगा। सेबी एक समान घरेलू मानक की पहचान करने और हाजिर मूल्य निर्धारण के लिए मानकीकृत व्यवस्था सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने पर भी विचार कर रहा है। वर्तमान में, किसी भी ‘गोल्ड ईटीएफ’ योजना के तहत रखे गए सोने का वेल्यूएशन लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन के ए.एम. निर्धारण मूल्य पर अमेरिकी डॉलर प्रति ट्रॉय औंस के हिसाब से किया जाता है। इसमें 995.0 भाग प्रति हजार की शुद्धता वाला सोना शामिल है।ए.एम. गोल्ड फिक्स सोने के प्रति औंस मूल्य को बताता है। इस पर लंदन गोल्ड पूल के पांच सदस्यों (बार्कले कैपिटल, डॉयचे बैंक, स्कोटिया-मोकाटा, सोसायटी जनरली और एचएसबीसी) द्वारा प्रत्येक सुबह सहमति व्यक्त की जाती है। इसी प्रकार, चांदी ईटीएफ योजना के तहत रखी गयी धातु का वेल्यूएशन एलबीएमए के ए.एम. स्थिर मूल्य पर अमेरिकी डॉलर में प्रति ट्रॉय औंस किया जाता है, जिसकी शुद्धता 999.0 भाग प्रति हजार होती है। सोने और चांदी ईटीएफ के जरिये रखे गये फिजिकल सोने और चांदी का वेल्यूएशन आवश्यक बदलावों के बाद एलबीएमए मूल्य के आधार पर किया जाता है। म्यूचुअल फंड योजनाओं के तहत रखे सोने और चांदी पर एक्सचेंज ट्रेडेड कमोडिटी डेरिवेटिव्स (ईटीसीडी) का वेल्यूएशन संबंधित घरेलू जिंस बाजारों पर वायदा कारोबार के समापन मूल्य का उपयोग करके किया जाता है। एक ही परिसंपत्ति के वेल्यूएशन के तरीकों में इस अंतर के कारण मानकीकरण की जरूरत महसूस की गयी है। इसको देखते हुए सेबी ने अपने परामर्श पत्र में, प्रस्ताव किया है कि वेल्यूएशन के लिए शुरुआती बिंदु के रूप में एलबीएमए मूल्य का उपयोग करने के बजाय, यह अनिवार्य किया जा सकता है कि संपत्ति प्रबंधन कंपनियां सोने और चांदी के वेल्यूएशन के लिए घरेलू जिंस बाजारों द्वारा प्रकाशित हाजिर कीमतों का सीधे उपयोग करें।’’ सेबी के अनुसार, इससे दोहराव को कम करने में मदद मिलेगी और घरेलू मांग और आपूर्ति परिदृश्यों के अनुसार सोने और चांदी के बाजार मूल्यों का प्रतिनिधित्व भी होगा। इस कदम से वेल्यूएशन प्रक्रिया सरल होने की उम्मीद है। वर्तमान में एलबीएमए कीमतों को अमेरिकी डॉलर में उपयोग करना, उन्हें भारतीय रुपये में परिवर्तित करना, सीमा शुल्क जोडऩा तथा अनुमानित प्रीमियम या छूट के माध्यम से घरेलू मांग या आपूर्ति के लिए समायोजन करना पड़ता है। नियामक ने इस पर छह अगस्त तक लोगों को सुझाव देने को कहा है।