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14-05-2025

जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर क्या रही Retail Investors की इंवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी ?

  •  जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर इंडियन स्टॉक मार्केट में इंवेस्टमेंट रखने वाले इंवेस्टरों के लिए एक बुरे सपने के समान रहा। अक्टूबर-दिसंबर 2024 क्वार्टर में बेंचमार्क इंडेक्सों में आई 7 प्रतिशत की गिरावट के बाद जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर में बेंचमार्क इंडेक्सों में 1 प्रतिशत की गिरावट और दर्ज की गई। हालांकि असली नुकसान मिड व स्मॉल कैप शेयरों में इस दौरान देखने को मिला। मार्च 2025 क्वार्टर में रिटेल इंवेस्टरों की स्ट्रेटेजी को समझने का प्रयास करें तो उन्होंने बीएसई पर लिस्टेड कुल 3317 शेयरों में से 45 प्रतिशत कंपनियों में अक्टूबर-दिसंबर 2024 क्वार्टर के मुकाबले अपनी होल्डिंग में इजाफा किया है। इस दौरान इन कंपनियों के शेयरों में एवरेज 25.4 प्रतिशत की गिरावट भी दर्ज की गई। इसी दौरान म्यूचुअल फंड्स ने जिन कंपनियों में अपनी होल्डिंग बढ़ाई है उनके शेयरों में मार्च 2025 क्वार्टर में एवरेज 14 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसी तरह फॉरेन पोर्टफोलियो इंवेस्टरों ने जिन कंपनियों में अपनी होल्डिंग बढ़ाई है, उनके शेयरों में इस दौरान एवरेज 21 प्रतिशत की गिरावट आई है। एक्सपटर्स के मुताबिक शेयर बाजारों में व्यापक वोलेटिलिटी के बीच इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टरों ने जहां इंवेस्टमेंट निर्णयों में सतर्कता बरती है वहीं रिटेल इंवेस्टरों ने जोखिम लेते हुए इंवेस्टमेंट बढ़ाया है। दिलचस्प रूप से जिन कंपनियों में रिटेल इंवेस्टरों ने मार्च 2025 क्वार्टर में अपनी होल्डिंग बढ़ाई है व जिनके शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है उनमें कई क्राइसिस में फंसी कंपनियां भी शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो जेनसोल इंजीनियरिंग लि. में अक्टूबर-दिसंबर 2024 क्वार्टर के मुकाबले जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर में रिटेल इंवेस्टरों की होल्डिंग 7.2 पर्सेंटेज पाइंट बढ़ी है व इसी दौरान कंपनी के शेयरों में 76 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसी तरह इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपर व ओपरेटर नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लि. के शेयरों में जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर में 81 प्रतिशत की गिरावट आई है व इसी पीरियड में कंपनी में रिटेल इंवेस्टरों की होल्डिंग 3 पर्सेंटेज पाइंट बढ़ी है। इस लिस्ट में वीएल ई-गवर्नेंस, टीवी विजन व एसएबी इवेंट्स को भी शामिल किया जा सकता है। इससे सवाल उठता है कि क्या रिटेल इंवेस्टरों की इंवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी कंपनी फंडामेंटल पर निर्भर करती है या केवल किसी शेयर के डिस्काउंटेड प्राइस उनके इंवेस्टमेंट निर्णयों को ड्राइव करते हैं।

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जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर क्या रही Retail Investors की इंवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी ?

 जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर इंडियन स्टॉक मार्केट में इंवेस्टमेंट रखने वाले इंवेस्टरों के लिए एक बुरे सपने के समान रहा। अक्टूबर-दिसंबर 2024 क्वार्टर में बेंचमार्क इंडेक्सों में आई 7 प्रतिशत की गिरावट के बाद जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर में बेंचमार्क इंडेक्सों में 1 प्रतिशत की गिरावट और दर्ज की गई। हालांकि असली नुकसान मिड व स्मॉल कैप शेयरों में इस दौरान देखने को मिला। मार्च 2025 क्वार्टर में रिटेल इंवेस्टरों की स्ट्रेटेजी को समझने का प्रयास करें तो उन्होंने बीएसई पर लिस्टेड कुल 3317 शेयरों में से 45 प्रतिशत कंपनियों में अक्टूबर-दिसंबर 2024 क्वार्टर के मुकाबले अपनी होल्डिंग में इजाफा किया है। इस दौरान इन कंपनियों के शेयरों में एवरेज 25.4 प्रतिशत की गिरावट भी दर्ज की गई। इसी दौरान म्यूचुअल फंड्स ने जिन कंपनियों में अपनी होल्डिंग बढ़ाई है उनके शेयरों में मार्च 2025 क्वार्टर में एवरेज 14 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसी तरह फॉरेन पोर्टफोलियो इंवेस्टरों ने जिन कंपनियों में अपनी होल्डिंग बढ़ाई है, उनके शेयरों में इस दौरान एवरेज 21 प्रतिशत की गिरावट आई है। एक्सपटर्स के मुताबिक शेयर बाजारों में व्यापक वोलेटिलिटी के बीच इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टरों ने जहां इंवेस्टमेंट निर्णयों में सतर्कता बरती है वहीं रिटेल इंवेस्टरों ने जोखिम लेते हुए इंवेस्टमेंट बढ़ाया है। दिलचस्प रूप से जिन कंपनियों में रिटेल इंवेस्टरों ने मार्च 2025 क्वार्टर में अपनी होल्डिंग बढ़ाई है व जिनके शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है उनमें कई क्राइसिस में फंसी कंपनियां भी शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो जेनसोल इंजीनियरिंग लि. में अक्टूबर-दिसंबर 2024 क्वार्टर के मुकाबले जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर में रिटेल इंवेस्टरों की होल्डिंग 7.2 पर्सेंटेज पाइंट बढ़ी है व इसी दौरान कंपनी के शेयरों में 76 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसी तरह इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपर व ओपरेटर नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लि. के शेयरों में जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर में 81 प्रतिशत की गिरावट आई है व इसी पीरियड में कंपनी में रिटेल इंवेस्टरों की होल्डिंग 3 पर्सेंटेज पाइंट बढ़ी है। इस लिस्ट में वीएल ई-गवर्नेंस, टीवी विजन व एसएबी इवेंट्स को भी शामिल किया जा सकता है। इससे सवाल उठता है कि क्या रिटेल इंवेस्टरों की इंवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी कंपनी फंडामेंटल पर निर्भर करती है या केवल किसी शेयर के डिस्काउंटेड प्राइस उनके इंवेस्टमेंट निर्णयों को ड्राइव करते हैं।


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