सोना टेक्सटाइल्स प्रा..लि. ने रात्याखेड़ा के पास 100 करोड़ रुपए की लागत से स्पिनिंग प्लांट स्थापित किया है, जिसमें जनवरी 2025 से प्रोडक्शन कार्य शुरू हो जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। जानकारी के अनुसार सोना टेक्सटाइल्स प्रा.लि. देश के प्रमुख रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्टर में अपना प्रमुख स्थान रखती है। इस क्षेत्र में कपड़े की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कपड़ा प्रोडक्शन की चेन को मजबूत करने के लिए कपड़ा उत्पादन के साथ प्रोसेसिंग क्षेत्र में लंबे समय से कार्यरत रही है, लेकिन अब तक कपड़ा प्रोडक्शन के लिए रॉ-मटेरियल के रूप में धागे की आपूर्ति अन्य उद्योगों से करते रहे हैं। सोना टेक्सटाइल्स प्रा.लि के डायरेक्टर युवा इंजीनियर रजत बहेडिय़ा ने बताया कि कपड़े की गुणवत्ता और रॉ-मटेरियल के डिमांड की आपूर्ति बेहतर बनाने के लिए स्पिनिंंग प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए जमीन की उपलब्धता और उद्योग चलाने के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए मांडलगढ़ तहसील के रात्याखेड़ा गांव के पास प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया। बहेडिय़ा ने बताया कि भीलवाड़ा से 56 किलोमीटर दूर सेंड स्टोन के सबसे बड़े भंडार क्षेत्र में क्षेत्र का पहला स्पिनिंंग प्लान्ट लगाने का निर्णय लिया गया। पहले चरण में धागा प्रोडक्शन के लिए 14 हजार 256 स्ंिपडल लगाए गए है। जनवरी 2025 प्रोडक्शन कार्य शुरू हो जाएगा। बहेडिय़ा ने बताया कि उनके प्लांट में तैयार होने वाले धागे का उपयोग कम्पनी के अन्य प्लान्टों में तैयार होने वाले कपड़े तथा एक्सपोर्ट के लिए रेडीमेड कपडों के रॉ-मटेरियल की आपूर्ति मांडलगढ़ प्लांट से की जाएगी। यहां प्रोडक्शन होने वाले धागे की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाएगा।