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19-07-2025

ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉम्र्स का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

  •  सुप्रीम कोर्ट ने ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉम्र्स जैसे कि प्रोबो के खिलाफ विभिन्न हाईकोट्र्स में लंबित सभी जनहित याचिकाओं को अपने पास स्थानांतरित कर लिया। इन याचिकाओं में ऐसे प्लेटफॉम्र्स पर सट्टेबाजी और जुए को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है। बॉम्बे, गुजरात और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में इन प्लेटफॉम्र्स के खिलाफ कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि ओपिनियन ट्रेडिंग वास्तव में एक प्रकार की सट्टेबाजी है, क्योंकि इसमें यूजर खेल, राजनीति, अर्थव्यवस्था और बाजार से जुड़े भविष्य के परिणामों पर पैसा लगाते हैं। प्रोबो टेक्नोलॉजीज जो कि भारत के प्रमुख ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉम्र्स में से एक है, ने मई में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और अनुरोध किया था कि इन सभी मामलों को बॉम्बे हाईकोर्ट में एकसाथ जोड़ा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने तब कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चल रही कार्यवाहियों पर अंतरिम रोक लगा दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि वह इन सभी याचिकाओं की सुनवाई स्वयं करना चाहता है, ताकि विभिन्न न्यायालयों से परस्पर विरोधी निर्णयों की संभावना को रोका जा सके। अदालत ने कहा कि सभी पक्षों की दलीलें सीधे सुनी जाएंगी और इस विषय पर एक समान और खुले नजरिए से निर्णय लिया जाएगा।

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ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉम्र्स का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

 सुप्रीम कोर्ट ने ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉम्र्स जैसे कि प्रोबो के खिलाफ विभिन्न हाईकोट्र्स में लंबित सभी जनहित याचिकाओं को अपने पास स्थानांतरित कर लिया। इन याचिकाओं में ऐसे प्लेटफॉम्र्स पर सट्टेबाजी और जुए को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है। बॉम्बे, गुजरात और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में इन प्लेटफॉम्र्स के खिलाफ कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि ओपिनियन ट्रेडिंग वास्तव में एक प्रकार की सट्टेबाजी है, क्योंकि इसमें यूजर खेल, राजनीति, अर्थव्यवस्था और बाजार से जुड़े भविष्य के परिणामों पर पैसा लगाते हैं। प्रोबो टेक्नोलॉजीज जो कि भारत के प्रमुख ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉम्र्स में से एक है, ने मई में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और अनुरोध किया था कि इन सभी मामलों को बॉम्बे हाईकोर्ट में एकसाथ जोड़ा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने तब कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चल रही कार्यवाहियों पर अंतरिम रोक लगा दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि वह इन सभी याचिकाओं की सुनवाई स्वयं करना चाहता है, ताकि विभिन्न न्यायालयों से परस्पर विरोधी निर्णयों की संभावना को रोका जा सके। अदालत ने कहा कि सभी पक्षों की दलीलें सीधे सुनी जाएंगी और इस विषय पर एक समान और खुले नजरिए से निर्णय लिया जाएगा।


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